8,000 खनन पट्टाधारकों को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान को दी सौगात

जयपुर
राजस्थान के 8,000 से अधिक खनन पट्टाधारकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उच्चतम न्यायालय ने 31 मार्च 2025 तक खनन संचालन बंद करने की समयसीमा को दो महीने के लिए बढ़ा दिया है। इस फैसले से न केवल खनन क्षेत्र से जुड़े व्यवसायों को फायदा मिलेगा, बल्कि इस उद्योग पर निर्भर लाखों मजदूरों को भी अस्थायी राहत मिलेगी।

सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला
सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने यह महत्वपूर्ण आदेश राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा द्वारा दायर अंतरिम आवेदन (IA) पर सुनवाई के दौरान पारित किया। राज्य सरकार ने तर्क दिया कि यदि समयसीमा नहीं बढ़ाई गई, तो खनन कार्य रुकने से लाखों लोगों की आजीविका पर संकट आ जाएगा।

ये भी पढ़ें :  कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट प्रोजेक्ट में तेजी: 385 करोड़ का दूसरा टेंडर जारी

पर्यावरणीय स्वीकृति पर लंबित मामला
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर भी विचार किया कि क्या ज़िला स्तरीय अधिकारी स्वतंत्र रूप से पर्यावरणीय मंजूरी (EC) प्रदान कर सकते हैं या फिर सभी मंजूरियों को राज्य स्तरीय प्राधिकरण (SEIAA) द्वारा अनुमोदित किया जाना आवश्यक है। जब तक इस कानूनी प्रश्न का समाधान नहीं हो जाता, अदालत ने खनन संचालन को दो महीने तक जारी रखने की अनुमति दी है।

राजस्थान सरकार की अपील पर राहत
राजस्थान सरकार ने अपनी याचिका में खनन पट्टों के लिए आवश्यक पर्यावरणीय स्वीकृतियों (EC) की जटिलताओं का हवाला देते हुए यह विस्तार मांगा था। यदि समयसीमा नहीं बढ़ाई जाती, तो हजारों खदानों को तत्काल बंद करना पड़ता, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था और मजदूरों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता।

ये भी पढ़ें :  Supreme Court : नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराने की मांग वाली याचिका खारिज, शीर्ष कोर्ट ने कही यह बात

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (SEIAA) किसी आवेदन को अस्वीकार करता है, तो खनन पट्टाधारक कानूनी विकल्पों का सहारा ले सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट का 12 नवंबर 2024 का आदेश
12 नवंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने खनन संचालन को 31 मार्च 2025 तक जारी रखने की अनुमति दी थी, बशर्ते कि खननकर्ता पर्यावरणीय नियमों का पालन करें। लेकिन इस समय सीमा के समाप्त होने की कगार पर पहुंचने और हजारों लोगों की आजीविका पर संकट के चलते, राजस्थान सरकार ने अंतरिम आवेदन (IA) दायर कर अतिरिक्त समय की मांग की।

ये भी पढ़ें :  डीडवाना-कुचामन मार्ग पर भीषण हादसा: कार के ऊपर पलटी निजी बस, दो की मौत, 19 घायल

राज्य सरकार की याचिका में यह उल्लेख किया गया था कि यदि विस्तार नहीं दिया गया, तो 8,000 से अधिक खदानों को तत्काल बंद करना पड़ेगा, जिससे लाखों मजदूरों और इस उद्योग से जुड़े व्यवसायों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए, पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त करने में आ रही व्यावहारिक कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए दो महीने का विस्तार प्रदान किया।

 

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment